Thursday, 24 October 2013

परमात्मा का रहस्य !


                                       

जो कोई भी मुझे संशयरहित होकर पुरुषोत्तम भगवान् के रूप में जानता है, वह सब कुछ जानने वाला है।  अतएव हे भरतपुत्र ! वह व्यक्ति मेरी पूर्ण भक्ति में रत होता है। 

Whoever knows Me as the Supreme Personality of Godhead, without doubting, is the knower of everything. He therefore engages himself in full devotional service to Me, O son of Bharata.


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