जिस प्रकार जन्म के पश्चात मृत्यु निश्चित है उसे प्रकार मृत्यु के पश्चात जन्म निश्चित है. आप शिशु होते है, कुछ समय बाद बालक फिर युवा, प्रौढ तत्पश्चात वृद्ध. इसके बाद शरीर छूट जाता है. यह एक चक्रीय प्रक्रिया है. शरीर से अलग होते समय आत्मा कामनाओं के आधार पर दूसरा शरीर ग्रहण करती है.यदि निष्काम है तो शरीर के धारण करने और फिर उसे छोडने के चक्र से अपने को मुक्त कर लेती है. आत्मा चित्त वृत्ति और बुद्धि से युक्त होती है जिसकी वजह से वह निश्चित गुणो के साथ जन्म लेता है. ......जारी
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