जैसा कि हम पहले चर्चा कर चुके हैं कि मानव दो प्रकार के शरीरो से मिलकर बनता है स्थूल और सूक्ष्म. स्थूल शरीर नौ प्रकार के तंत्रों से मिलकर बनता है जबकि सूक्ष्म शरीर के पांच स्तर होते है..
1.मन
2.चित्त
3.वृत्ति
4.बुद्धि
5.आत्मा
मन मस्तिष्क का साफ्टवेयर है जो सूचनाओ को प्राप्त करता है और उनके आधार पर शरीर का संचालन करता है. मन दैहिक और इन्द्रियजन सुखो से अत्यधिक प्रभावित होता है. क्योकि मन से सूक्ष्म है चित्त जहा पर चित्रण और चयन की प्रक्रिया चलती है. चित्त से सूक्ष्म होती है वृत्ति. वृत्ति मे तुलन और विश्लेषण की प्रक्रिया होती है. आदतों के निर्माण के लिये वृत्ति ही जिम्मेदार है. वृत्ति से सूक्ष्म है बुद्धि जोकि बोध और ऋतम्भरा प्रक्रियाओ का स्थान है. ऋतम्भरा याने भूत भविष्य और वर्तमान को जानने की क्षमता. बोध यानी समझ. बुद्धि से भी सूक्ष्म, अत्यंत सूक्ष्म है आत्मा. आत्मामे अनुभवपरक क्रियाये होती है...... जारी
1.मन
2.चित्त
3.वृत्ति
4.बुद्धि
5.आत्मा
मन मस्तिष्क का साफ्टवेयर है जो सूचनाओ को प्राप्त करता है और उनके आधार पर शरीर का संचालन करता है. मन दैहिक और इन्द्रियजन सुखो से अत्यधिक प्रभावित होता है. क्योकि मन से सूक्ष्म है चित्त जहा पर चित्रण और चयन की प्रक्रिया चलती है. चित्त से सूक्ष्म होती है वृत्ति. वृत्ति मे तुलन और विश्लेषण की प्रक्रिया होती है. आदतों के निर्माण के लिये वृत्ति ही जिम्मेदार है. वृत्ति से सूक्ष्म है बुद्धि जोकि बोध और ऋतम्भरा प्रक्रियाओ का स्थान है. ऋतम्भरा याने भूत भविष्य और वर्तमान को जानने की क्षमता. बोध यानी समझ. बुद्धि से भी सूक्ष्म, अत्यंत सूक्ष्म है आत्मा. आत्मामे अनुभवपरक क्रियाये होती है...... जारी
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