Friday, 8 November 2013

सात्त्विक यज्ञ


अफलाकाड़क्षिभिर्यज्ञो विधिदिष्टो य इज्यते। 
यष्टमवेति मनः समाधाय स सात्त्विकः।।

यज्ञों में वही यज्ञ सात्त्विक  है , जो शास्त्र के निर्देशानुसार कर्तव्य समझ कर उन लोगों के द्वारा किया जाता है , जो फल की इच्छा नहीं करते। 

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