Thursday, 21 November 2013

जीवों के विविध गुण


बुद्धिर्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः। 
सुखं दुःखं भवः  अभावः भयं चाभयमेव च।।
अहिंसा समता तुष्टिस्तपो दानं यशोअयशः। 
भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः।।

बुद्धि , ज्ञान , संयश तथा मोह से मुक्ति , क्षमाभाव , सत्यता , इन्द्रियनिग्रह , मननिग्रह , सुख तथा दुःख , जन्म , मृत्यु , भय , अभय , अहिंसा , समता , तुष्टि , तप , दान , यश , तथा अपयश - जीवों के ये विविध गुण मेरे ही द्वारा उत्पन्न हैं।  

Spiritual intelligence, knowledge, freedom from false perception, compassion, truthfulness, control of the senses, control of the mind, happiness, unhappiness, birth, death, fear and fearlessness, nonviolence, equanimity, contentment, austerity, charity, fame infamy: all these variegated diverse qualities of all living entities originate from Me alone.

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