सत्त्वात्संजायते ज्ञानं रजसो लोभ एव च।
प्रमादमोहौ तमसो भवतः अज्ञानमेव च।।
सतोगुण से वास्तविक ज्ञान उत्पन्न होता है , रजोगुण से लोभ उत्पन्न होता है तथा तमोगुण से अज्ञान , प्रमाद और मोह उत्पन्न होते हैं।
From the mode of goodness, knowledge arises; from the mode of passion, greed arises; and from the mode of ignorance, insanity, delusion, and foolishness ensue.